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मै एक नन्हा पौधा छोटा सा ,
कल बड़ा हो जाऊंगा अगर तुम चाहोगे ,
मेरे साथ खेलोगे अगर मुझसे बात करोगे,
दोस्ती करोगे जरूर हाँ मै बड़ा हो जाऊंगा,
तुम जैसे हो वैसा मै भी तो हूँ ,
मेरा भी घर है सपने है ,
मै बड़ा होकर तुम सबको फल दूंगा,
तेज धूप मे छाया दूंगा,
मै भी तो साथ हूँ तुम्हारा,
तुम चाहोगे तो जरूर जियूंगा,
कल होगे जब हासिल कर रहे
तुम कोई मुकाम,
मै भी खुश हो जाऊंगा,
झूम झूम कर हवाओं के साथ गाऊँगा,
झुका कर अपनी डाली फूल बरसाऊँगा,
ऐसे क्या सुनते हो ?
झूठ नहीं कहता सच है ये ,
मै भी तुम जैसा ही तो हूँ ,
जब काटते हो तुम मेरे बदन को,
क्या तुम्हें दर्द नहीं होता ?
जब उखाड़ फेंकते हो तुम मुझे
किसी बाग से,
क्या तुम्हारा दिल नहीं रोता?
झूठ मत कहना सच कहना
मै भी तुम्हारा अपना हूँ ,
मुझे अपने आँगन मे थोड़ी सी जगह दे दो ,
किसी कोने मुझे लगाकर ज़िंदगी दे दो ,
सोचो क्या होगा अगर तुम मुझे मिटा दोगे ?
मै हूँ एक जरिया तुम्हारे जीने का ,
मै बेबस हूँ
तुम पर हांथ नहीं उठा सकता ,
तुम मेरा तन जलाओ या
मुझे पलकों पर बिठाओ मर्ज़ी तुम्हारी
मै तुम सबका दुलारा नन्हा पौधा,
कल बड़ा हो जाऊंगा अगर तुम चाहोगे।
~ प्रसनीत यादव ~
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