Menu
blogid : 14628 postid : 30

जरा हांथ थाम कर चलना आज

प्रसनीत यादव ब्लॉग्स
प्रसनीत यादव ब्लॉग्स
  • 34 Posts
  • 60 Comments

Boomer-boy-girl-holding-hands-3देखो हर पल बीत रहा है
जरा हांथ थाम कर चलना आज ,
हो तकलीफ तुम्हें कोई
जी भरके फिर भी हसना आज ,
मिले नहीं हो कई दिनों से
खिले नहीं हो कई दिनों से ,
फूलों सा फिर खिलना आज ,
है चोंट बड़ी लग जाती है
है दर्द के मारे हम भी
हो दर्द के मारे तुम भी तो क्या ?
फिर से जरा संभलना आज ,
था अरमान पुराना ये
आया है नया ज़माना ये ,
चले कहाँ को थे आए कहाँ को है ?
अब न करो बहाना तुम
न करें बहाना हम ,
वक़्त निकालो थोड़ा सा मान लो बात ,
मिले कभी थे जैसे ,
वैसे जरा सा मिलना आज ,
देखो हर पल छूट रहा है
बरदास्त करूँ मै कैसे ?
धीरज का बांध टूट रहा है ,
नहीं पता मौसम अब क्या ?
नहीं पता आलम अब क्या ?
नहीं पता क्या दिन क्या रात ?
हाँ सच है ये
जिद है ये जाने कैसी ?
दीवार बनी हम दोनों मे,
देखो हर पल रूठ रहा है ,
भूल गिले शिकवे-सारे ,
लेकर नया-नया जीवन
आ जाओ फिर
जरा हांथ थाम कर चलना आज ,
मिले कभी थे जैसे
वैसे जरा सा मिलना आज 🙂

~ प्रसनीत यादव ~

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply