Menu
blogid : 14628 postid : 37

जरा जरा सी बातों पर

प्रसनीत यादव ब्लॉग्स
प्रसनीत यादव ब्लॉग्स
  • 34 Posts
  • 60 Comments

सोचता हूँ जरा जरा सी बातों पर नाराज़गी अच्छी नहीं,
वो नासमझ क्या समझेंगे इन नादानियों को ?
सोचता हूँ साथ बना रहे उनके न चाहने पर भी ,
बात फैले दूर तक ये मुझे पसंद नहीं ,
लोग तमाशा बनाते आए सिर्फ और करते आए
बेवजह रिश्ते तोड़ने की बातें ,
समझेंगे वो आज नहीं तो कल थोड़ा वक़्त लगेगा ,
जी रहे है जिस वहम मे अब तक बीतेगी वो रात ,
आज नहीं तो कल हो न हो अपना साथ
सूरज निकलेगा,
मै खामोश हो जाता हूँ दुनिया को नहीं बताना मुझे ,
लिखी बात ये किसलिए न अब ये जाताना मुझे ,
बस इतना सुन लो सोचता हूँ बस यही रुक जाता हूँ ,
अभी थका नहीं हूँ मै गलत मत समझना ,
थक गए है वो मेरे साथ ,
रस्ता मिले उन्हे पूरा मै थोड़ा पीछे हट जाता हूँ ,
दीखावे की इस दुनिया मे रखता मै उनका कितना ख्याल
ये अब नहीं दिखाना मुझे,
क्यू करूँ शिकायत मै या जरा जरा सी बातों पर
क्यू उनको मै जलाऊँ ?
न खुद को अब जलाना मुझे ,
मुस्काएं वो मुसकाउ मै जिस राह मे उनका दिल करे
उस राह को जाएँ वो ,
बस उठा सके न कोई हम पर उंगली बात फैले दूर तक
ये हरगिज़ बरदास्त नहीं ऐसे कदम बढ़ाना मुझे,
शिद्दत का अपना ये रिश्ता शिद्दत से,
दूर हुए तो क्या हुआ ? ऐसे ही निभाना मुझे।

~ प्रसनीत यादव ~

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply