प्रसनीत यादव ब्लॉग्स
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मुझ सा ही तो है मेरे आँख का
खारा पानी,
जो आँसू नहीं हक़ीक़त है ,
दिल का दर्द बह चला इन
पन्नो पर अब,
जो शौक नहीं जरूरत है,
दिल तोड़ने वाले तुझे इतना बता दूँ,
दिल टूट कर बिखरा नहीं,
दिल के आईने मे तेरे जैसों की ही सूरत है,
है तुझमे अभी इतनी जुर्रत नहीं,
जो मिटा दे मेरे इरादों को ,
सच सुन ले
मै बोलूँगा तो थर्राएगी दुनिया ,
शब्दों के बान से जल जाएगी दुनिया,
आसमा ये रोएगा दर्द ही दर्द मे,
लज्जा से झुकेगा तेरा सर जरूर ,
जब झुक जाएगी दुनिया ,
मत ले इम्तिहान जज़्बातों का ,
ये आवाज़ नहीं तेज़ाब है ,
मै रुका रुक जाएंगी साँसे ,
रुक जाएगी दुनिया ,
ये कलम नहीं अंदाज़ है ,
लिखता जिससे मै पल पल का हिसाब,
ये पेशा नहीं मोहब्बत है ,
शौक नहीं जरूरत है ,
आँसू नहीं हक़ीक़त है।
~ प्रसनीत यादव ~
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